मंगलवार, 9 सितंबर 2014

नदियों से नहीं होनी चाहिए छेड़छाड़

  • 111 शहरों में चले गंगा सफाई अभियान : रामचंद्र खान
  • मुजफ्फरपुर में ‘गंगा : संरक्षण व चुनौतियां’ पर होगा सेमिनार
संवाददाता, पटना
केंद्र सरकार गंगा-सफाई अभियान को सिर्फ बनारस, इलाहबाद व पटना तक में सीमित न करे. गंगा के तट पर 111 शहर बसे हैं, वहां भी सफाई अभियान चलाये सरकार. केंद्र सरकार से इसकी मांग पूर्व आइपीएस अधिकारी रामचंद्र खान ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में की. उन्होंने कहा कि नदी सफाई को लेकर केंद्र सरकार को यूएनओ की रिपोर्ट का अध्ययन करना चाहिए. राजीव गांधी ने गंगा सफाई अभियान चलाया था, किंतु उसका नतीजा सिफर रहा. नदियों के धरातल घट गये और किनारे मिट गये. नदियों के साथ छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए. गंगा सफाई का मामला सिर्फ इंजीनियरिंग का विषय नहीं है, बल्कि विकास का भी विषय है. गंगा मुक्ति आंदोलन के संयोजक अनिल प्रकाश व मुजफ्फरपुर लंगट सिंह कॉलेज के प्राचार्य प्रो अमरेंद्र नारायण यादव ने बताया कि गंगा व हिमालय से जुड़ी समस्याओं पर मुजफ्फरपुर में  26 व 27 सितंबर को ‘गंगा : संरक्षण व चुनौतियां ’ विषय पर दो दिवसीय सेमिनार होगा.
ेउन्होंने बताया कि सेमिनार में पत्रकार कुलदीप नैयर, अर्थशास्त्री डॉ. भरत झुनझुनवाला, पर्यावरण विशेषज्ञ  दीपक ग्यालवी, नदी विशेषज्ञ डॉ. अजय दीक्षित, बांग्लादेश की हसना जे, डॉ दिनेश कुमार मिश्र, राधा भट्ट, डॉ गोपालजी त्रिवेदी, डॉ. कैसर शमीम, डॉ महेंद्र कर्ण, डॉ. ऋतु प्रिया, सुकांत नागाजरुन, संतोष भारतीय, डॉ डीएम दीवाकर, विजय प्रताप, महादेव विद्रोही, डॉ फारूख अली, डॉ आशुतोष, अनिल चमड़िया, श्रीकांत, अरुण त्रिपाठी, अनीश रंजन, शेखर व अंबरीश कुमार शामिल होंगे.  मुजफ्फरपुर सम्मेलन में ‘लौटा दो हमें नदी हमारी’ की योजना पर भी मंथन होगा.
साभार : प्रभात खबर

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