शनिवार, 5 मई 2012

सफलता की ओर बागमती आन्दोलन

मुज़फ्फरपुर: बिहार शोध  संवाद  और बागमती बचाओ  अभियान  की अगुआई में चल  रहा  बागमती आन्दोलन  सफलता की ओर बढ़ रहा  है. गाँव-गाँव में सभाएं हो रही हैं। बाँध निर्माण में लगे ट्रैक्टरों को जगह-जगह रोका जा रहा है. हस्ताक्षर अभियान में तेजी आ रही है. अब तक एक हजार से ज्यादा लोग सत्याग्रही प्रपत्र पर हस्ताक्षर कर जेल जाने का संकल्प ले चुके हैं. लोगों का कहना है कि यह आन्दोलन तबतक जारी रहेगा, जब तक कि सरकार बाँध निर्माण को वैज्ञानिक तरीके से स्थगित करने  की सार्वजनिक घोषणा नहीं करती है. बागमती आन्दोलन को धार देने में दिन-रात जुटे सामाजिक कार्यकर्ता व पर्यावरणविद अनिल प्रकाश ने कहा कि हमने सरकार से मांग की है कि तत्काल बाँध का निर्माण वैज्ञानिक तरीके से रोका जाये, नहीं तो बागमती के हजारों लोग फोरलेन जाम करने पर मजबूर होंगे. 

इन जगहों पर रोके गए ट्रैक्टर : 
24 अप्रैल 2012 : गायघाट प्रखंड के कल्याणी में सत्याग्रही महिलाओं ने करीब 40 ट्रैक्टरों को रोक लिया, जो मिटटी से लदे थे. 5 ट्रैक्टरों को जब्त कर 25 अप्रैल को छोड़ा गया।
26  अप्रैल 1012 :  कटरा प्रखंड के भवानीपुर गाँव में भी 30-35 ट्रैक्टरों को आन्दोलनकारियों ने काम करने से रोक दिया.
28 अप्रैल 2012 : गायघाट के पिरौंछा, मिश्रौली व केवटसा गाँव में भी ट्रैक्टरों को रोका गया.
30 अप्रैल 2012 : मिश्रौली में 5 ट्रैक्टरों को जब्त किया गया. बाद में इस शर्त पर छोड़ा गया कि वे फिर काम पर नहीं लगेंगे.
1 मई 2012 : नवादा में भी ट्रैक्टरों को रोका गया.
3 मई 2012 : कल्याणी में 5 ट्रैक्टरों को जब्त किया गया. बाद में छोड़ा गया. गंगिया में काम को रोका गया.

विश्व बैंक का खेल  हो बंद : 
आन्दोलन में लगे अनिल प्रकाश के अलावे महेश्वर प्रसाद यादव, वीरेंद्र राय, डॉ. हरेन्द्र कुमार, डॉ. कुमार गणेश समेत सैकड़ों आन्दोलनकारियों ने एक स्वर में सरकार से कहा है कि बाँध निर्माण में शासन व विश्व बैंक के बीच हो रहे खेल को बंद किया जाये. यह खेल बागमती की जनता भी बखूबी जान रही है.

समर्थन समिति का गठन : 2 मई को पटना में बिहार शोध संवाद की एक बैठक रामचंद्र खान की अध्यक्षता में हुई,इसमें श्री खान की अगुवाई में एक समर्थन समिति का गठन किया गया. बैठक में सुनीता त्रिपाठी, रंजीव आदि मौजूद थे.      

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