मीरा सहनी और खुशबू कुमारी को बलात्काकरियों ने मार डाला
9 अगस्त 2012 – 11 बजे दिन
से गायघाट प्रखंड मुख्यालय के
निकट
भाइयों एवं बहनों,
19 मई 2012 की रात में धनौर
गांव, थाना कटरा, जिला मुजफ्फरपुर की स्वयं सहायता समूह की संयोजिका मीरा सहनी को
फोन पर बताया गया कि उसका बेटा, जो यज्ञ देखने गया था, एक बगीचे में बेहोश पड़ा
है। वह दौड़ी हुई सुनसान बगीचे की ओर पहुंची। पहले से घात लगाये उसी गांव के दुष्कर्मी
उसे पकड़कर चौर में ले गये। जहां लगभग एक दर्जन सफेदपोश लफंगों ने उसके साथ
जबर्दस्ती की और विरोध करने पर मार-मार कर बेहोश कर दिया। उसके पूरे शरीर को
दांतों से नोचा-खसोटा गया। मरणासन्न हालत में उसे गांव में लाकर फेंकने ही वाले
थे कि लोगों ने देख लिया। हल्ला होने पर दुष्कर्मी भाग गये।
गांव वालों ने उसे कटरा अस्पताल पहुंचाया।
थोड़ी देर बाद उसे रेफर करके अस्पताल के एम्बुलेंस से श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज,
मुजफ्फरपुर भेज दिया गया। कटरा अस्पताल के डॉ. अनिल सिंह ने पुलिस को सूचना देना
तक उचित नहीं समझा जो कि उनकी कानूनी जिम्मेवारी थी। मुजफ्फरपुर मेडिकल कॉलेज में
मीरा 20 मई 2012 को 11 बजे दिन तक थी। वहां से उसे रेफर करके पटना मेडिकल कॉलेज
भेज दिया गया। दुष्कर्मियों के समर्थकों ने डॉक्टरों एवं अधिकारियों को भी मिला
लिया था, इसलिए उन्होंने पुलिस को सूचित नहीं करवाया। 20 मई की शाम 4 बजे मीरा की
बहन और बहनोई ने उसे पटना मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया। वहां 23 मई की रात 8.30
बजे उसकी मृत्यु हो गई। बलात्कारियों- हत्यारों के हाथ इतने लंबे हैं कि पटना
मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने भी पुलिस को सूचित नहीं किया और बिना पोस्टमार्टम
के लाश को अस्पताल से बाहर करने की कोशिश करने लगे। मीरा के परिजनों के विरोध के
कारण 24 मई की सुबह तक लाश वहीं पर पड़ी रही। इस बीच मीरा का पति कलकत्ता से आ
गया था। उसने कुछ सामाजिक व राजनीतिक कार्यकर्ताओं को फोन करके मदद की गुहार लगाई।
पत्रकारों, महिला संगठनों को पता चला। अंतत: सेवानिवृत्त डीजीपी रामचन्द्र खान
के हस्तक्षेप के बाद पटना के पीरबहोर थाना के थानाध्यक्ष ने पीएमसीएच पहुंच कर
एफआईआर दर्ज किया। उसके बाद पोस्टमार्टम हो सका।
अभी वेजाइनल विसरा की फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट
आई भी नहीं, लेकिन अखबारों में छपवा दिया गया कि मीरा के साथ बलात्कार हुआ ही
नहीं था। धनौर गांव के सभी जातियों के अधिकांश लोग बताते हैं कि मीरा के साथ अत्याचार
हुआ है और इस घटना में लिप्त सफेदपोश अपराधी अपनी जाति की गरीब लड़कियों के साथ
भी छेड़खानी और जबर्दस्ती करने से बाज नहीं आते। घटना के लगभग ढाई महीने से ज्यादा
बीतने के बावजूद इस कांड में लिप्त अपराधी छुट्टा घूम रहे हैं। उनको अपने
राजनीतिक आकाओं का संरक्षण प्राप्त है। मीरा के पति छोटे सहनी को धन का प्रलोभन
और धमकी देकर चुप कराने की असफल कोशिश हुई है।
यही कारण है कि इलाके भर के दुष्कर्मियों का
मन बढ़ गया। 12 जुलाई 2012 की रात 7-8 बजे कोपी गांव की 9वीं क्लास की 14 वर्षीय
छात्रा खुशबू कुमार (पिता रविंद्र सिंह) शौच के लिए नदी किनारे गई थी। वहीं दुष्कर्मियों
ने उसे दबोच लिया। उसके साथ दुष्कर्म किया और बात छिपाने के लिए उसे भी जान से
मार डाला।
मीरा सहनी बलात्कार हत्याकांड के अपराधी के
भतीजे खुशबू के बलात्कार-हत्या में शामिल थे। ये कुकर्मी खुशबू की ही जाति के
थे। पुलिस प्रशासन की ढिलाई के परिणामस्वरूप इस केस में एक कुकर्मी की गिरफ्तारी
तो हुई लेकिन अन्य सभी छुट्टा घूम रहे हैं। 26 जुलाई 2012 की रात में कुकर्मियों
ने इस मामले के गवाहों को बुरी तरह पीटा।
इस इलाके में इस प्रकार की घटनाएं घटती रहती
हैं। दुष्कर्मी गरीब और कमजोर लड़कियों और महिलाओं के साथ बदमाशी करने से भी बाज
नहीं आते।
हम और आप कब तक चुप बैठे रहेंगे। आइए इस
प्रवृत्ति का विरोध कीजिए। हम सब मिलकर पुलिस, प्रशासन और सरकार पर दबाव डालें कि
बलात्कारियों और हत्यारों पर सख्त कारवाई की जाए। हमारा समाज जगे और महिलाओं के
साथ सम्मान व बाराबरी के व्यवहार की संस्कृति मजबूत हो। समाज की कोई लड़की या
औरत असुरक्षित न रहे।
क्या आप इस अत्याचार पर मौन साधे रहेंगे। आइए
इस जुल्म का विरोध कीजिए। सभी जनपक्षी संगठनों, पार्टियों तथा संवेदनशील स्त्री-पुरुषों
से अपील है कि इस सत्याग्रह में शामिल होकर अपना फर्ज निभाइए। गांव से आने वाले
सभी साथी अपना भोजन – चूड़ा, सत्तू, रोटी साथ लाएं तथा अपने खर्च से आएं।
बाहर से आने वाले अतिथि -
रामचंद्र खान (पूर्व
डीजीपी), अनिल प्रकाश, डॉ. कुमार गणेश, डॉ. इन्दु भारती, शाहिना परवीन, निभा सिन्हा
– 9835450544, अख्तरी बेगम – 9430559191, कंचन बाला, अशर्फी सदा, अरविंद निषाद,
सुजीत कुमार वर्मा, अशोक क्रांति (सभी पटना से), गौतम (भागलपुर से)
निवेदक
दिनेश कुमार - 9631670544,
अजय कुमार, रामू, सुनील सिंह (गाय घाट), छोटे सहनीख् विमल सहनी, किरण सिन्हा,
लक्ष्मी, पार्वती, रिंकू, खुशबू, बेबी, अजित चौधरी, रॉबिन रंगकर्मी, जितेंद्र
चौधरी, अनिल िद्वेदी -9135182766, डॉ. भूषण ठाकुर, रामपुकार सहनी, रामबाबू, आनंद
पटेल – 9939898304, डॉ. हेमनारायण विश्वकर्मा, सुनील कुमार, राजेश्वर साह।
महिला संघर्ष मोर्चा, अपराजिता
(महिला जनप्रतिनिधि संगठन), वामा, जनमंच
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